दिलà¥à¤²à¥€ और मà¥à¤‚बई की राह आसान नहीं रही by RailXpert on 08 June, 2013 - 09:02 PM | ||
---|---|---|
RailXpert | दिलà¥à¤²à¥€ और मà¥à¤‚बई की राह आसान नहीं रही on 08 June, 2013 - 09:02 PM | |
जागरण संवाददाता, गोरखपà¥à¤° : दिलà¥à¤²à¥€ और मà¥à¤‚बई की राह आसान नहीं रही। घर आने के बाद लोगों की वापसी मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हो गई है। सामानà¥à¤¯ आरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ टिकट की तो बात ही छोड़िà¤, ‘ततà¥à¤•à¤¾à¤²â€™ का हाल à¤à¥€ बेहाल है। पूरी रात सड़क पर गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¨à¥‡ के बाद à¤à¥€ हाथ में सिरà¥à¤« वेटिंग ही आ रहा है। काउंटर खà¥à¤²à¤¤à¥‡ ही कà¥à¤› ही मिनटों में सारे टिकट बà¥à¤• हो जा रहे हैं। मायूस लौटे यातà¥à¤°à¥€ दूसरे दिन का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद à¤à¥€ निराशा ही हाथ लग रही है। 1गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को आरकà¥à¤·à¤£ टिकट बà¥à¤•à¤¿à¤‚ग कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के सामने रात 9 बजे से यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की काफी à¤à¥€à¤¡à¤¼ जà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ लगी। पूछने पर पता चला कि ततà¥à¤•à¤¾à¤² टिकट के लिठजà¥à¤Ÿà¥‡ हैं। इनमें गांव ही नहीं महानगर के लोग à¤à¥€ थे। लाइन में लगने के लिठकà¥à¤› लोग पहले दिन आठथे, तो कई दूसरे दिन पहले ही आकर खड़े हो गठथे। पिपराइच के महेश और चंदà¥à¤° पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ ने कहा कि मà¥à¤‚बई जाना है, रोजाना चलने वाली गाड़ी की तो बात ही छोड़िठसमर सà¥à¤ªà¥‡à¤¶à¤² टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ टिकट नहीं मिल रहा। अब तो वेटिंग à¤à¥€ नहीं मिल रहा। यहां आठहैं कि शायद ततà¥à¤•à¤¾à¤² टिकट मिल जाà¤à¥¤ चौरीचौरा के मनोज दूसरे दिन लाइन में लगने के लिठपहले ही पीआरà¤à¤¸ के गेट पर बैठगठथे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि à¤à¤• दिन पहले à¤à¥€ मैं पूरी रात जागकर सà¥à¤¬à¤¹ लाइन में लगा था। लाइन में पांचवें नंबर पर खड़ा था, लेकिन मेरा नंबर आते ही टिकट बà¥à¤• हो गया। तिरà¥à¤µà¤¨à¤‚तपà¥à¤°à¤® जाना है। महानगर के ही पादरी बाजार निवासी राकेश गेट पर जमे हà¥à¤ थे। शहर में रहकर à¤à¥€ अà¤à¥€ से लाइन में। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि सà¥à¤¬à¤¹ होते-होते सैकड़ों की à¤à¥€à¤¡à¤¼ जà¥à¤Ÿ जाà¤à¤—ी। लाइन में आगे लगने के लिठजलà¥à¤¦à¥€ चले आठहैं। राकेश के माता-पिता को वैषà¥à¤£à¤µ देवी धाम दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठजाना है। बता दें कि जून तक लंबी दूरी की किसी à¤à¥€ टà¥à¤°à¥‡à¤¨ में कंफरà¥à¤® टिकट नहीं मिल रहा। तकरीबन हर टà¥à¤°à¥‡à¤¨ में नो रूम की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है। 1टिकट के लिठमची à¤à¤—दड़ : पीआरà¤à¤¸ कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को सà¥à¤¬à¤¹ ततà¥à¤•à¤¾à¤² टिकट के लिठà¤à¤—दड़ मच गई। लोगों की à¤à¥€à¤¡à¤¼ लाइन में लगने के लिठअचानक कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में घà¥à¤¸à¥€à¥¤ इस दौरान अफरा-तफरी मच गई। सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ बलों ने सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ संà¤à¤¾à¤²à¥€à¥¤ पहली जून से पीआरà¤à¤¸ और यूटीà¤à¤¸ पर यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ में बेतहाशा बढोतà¥à¤¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ है। औसतन पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ 50 हजार लोग यातà¥à¤° कर रहे हैं। गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को तो सिरà¥à¤« यूटीà¤à¤¸ से 63 लाख रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की कमाई हà¥à¤ˆà¥¤ 1जागरण संवाददाता, गोरखपà¥à¤° : दिलà¥à¤²à¥€ और मà¥à¤‚बई की राह आसान नहीं रही। घर आने के बाद लोगों की वापसी मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हो गई है। सामानà¥à¤¯ आरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ टिकट की तो बात ही छोड़िà¤, ‘ततà¥à¤•à¤¾à¤²â€™ का हाल à¤à¥€ बेहाल है। पूरी रात सड़क पर गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¨à¥‡ के बाद à¤à¥€ हाथ में सिरà¥à¤« वेटिंग ही आ रहा है। काउंटर खà¥à¤²à¤¤à¥‡ ही कà¥à¤› ही मिनटों में सारे टिकट बà¥à¤• हो जा रहे हैं। मायूस लौटे यातà¥à¤°à¥€ दूसरे दिन का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद à¤à¥€ निराशा ही हाथ लग रही है। 1गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को आरकà¥à¤·à¤£ टिकट बà¥à¤•à¤¿à¤‚ग कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के सामने रात 9 बजे से यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की काफी à¤à¥€à¤¡à¤¼ जà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ लगी। पूछने पर पता चला कि ततà¥à¤•à¤¾à¤² टिकट के लिठजà¥à¤Ÿà¥‡ हैं। इनमें गांव ही नहीं महानगर के लोग à¤à¥€ थे। लाइन में लगने के लिठकà¥à¤› लोग पहले दिन आठथे, तो कई दूसरे दिन पहले ही आकर खड़े हो गठथे। पिपराइच के महेश और चंदà¥à¤° पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ ने कहा कि मà¥à¤‚बई जाना है, रोजाना चलने वाली गाड़ी की तो बात ही छोड़िठसमर सà¥à¤ªà¥‡à¤¶à¤² टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ टिकट नहीं मिल रहा। अब तो वेटिंग à¤à¥€ नहीं मिल रहा। यहां आठहैं कि शायद ततà¥à¤•à¤¾à¤² टिकट मिल जाà¤à¥¤ चौरीचौरा के मनोज दूसरे दिन लाइन में लगने के लिठपहले ही पीआरà¤à¤¸ के गेट पर बैठगठथे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि à¤à¤• दिन पहले à¤à¥€ मैं पूरी रात जागकर सà¥à¤¬à¤¹ लाइन में लगा था। लाइन में पांचवें नंबर पर खड़ा था, लेकिन मेरा नंबर आते ही टिकट बà¥à¤• हो गया। तिरà¥à¤µà¤¨à¤‚तपà¥à¤°à¤® जाना है। महानगर के ही पादरी बाजार निवासी राकेश गेट पर जमे हà¥à¤ थे। शहर में रहकर à¤à¥€ अà¤à¥€ से लाइन में। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि सà¥à¤¬à¤¹ होते-होते सैकड़ों की à¤à¥€à¤¡à¤¼ जà¥à¤Ÿ जाà¤à¤—ी। लाइन में आगे लगने के लिठजलà¥à¤¦à¥€ चले आठहैं। राकेश के माता-पिता को वैषà¥à¤£à¤µ देवी धाम दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठजाना है। बता दें कि जून तक लंबी दूरी की किसी à¤à¥€ टà¥à¤°à¥‡à¤¨ में कंफरà¥à¤® टिकट नहीं मिल रहा। तकरीबन हर टà¥à¤°à¥‡à¤¨ में नो रूम की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है। 1टिकट के लिठमची à¤à¤—दड़ : पीआरà¤à¤¸ कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को सà¥à¤¬à¤¹ ततà¥à¤•à¤¾à¤² टिकट के लिठà¤à¤—दड़ मच गई। लोगों की à¤à¥€à¤¡à¤¼ लाइन में लगने के लिठअचानक कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में घà¥à¤¸à¥€à¥¤ इस दौरान अफरा-तफरी मच गई। सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ बलों ने सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ संà¤à¤¾à¤²à¥€à¥¤ पहली जून से पीआरà¤à¤¸ और यूटीà¤à¤¸ पर यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ में बेतहाशा बढोतà¥à¤¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ है। औसतन पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ 50 हजार लोग यातà¥à¤° कर रहे हैं। गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को तो सिरà¥à¤« यूटीà¤à¤¸ से 63 लाख रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की कमाई हà¥à¤ˆà¥¤ 1 |